ये जो तुम्हारा, नया-सा शहर है,
ये जो तुम्हारा, बड़ा-सा शहर है,
तुम्हारी दुआ को, रवा मिल गयी है,
तुमको शहर की, हवा लग गयी है।
तुम्हारे lipstick पे बुर्क़ा नहीं है,
आरज़ू मे तुम्हारी, गिला भी नहीं है,
तुम अपनी अदा से चिढ़ाने लगी हो,
तुममे कोई 'कंगना' बस गयी है,
तुमको शहर की हवा लग गयी है।
वक़्त-बेवक्त भी खाने लगी हो,
काँटे औ' चम्मच चलाने लगी हो,
अपने से खाना बनाने लगी हो,
तुमको liberating सज़ा मिल गयी है,
तुमको शहर की हवा लग गयी है।
यूँ ही घूमने को निकल जाती हो,
खेलती भी हो तुम और लड़के पटाती हो,
तुम्हारी घुटन ख़ुदख़ुशी कर रही है,
तुमको तो ख़ुद मे वजह मिल गयी है,
जैसे हसरत को मेरी, दुआ लग गयी है।
तुमको शहर की हवा लग गयी है।।
ये जो तुम्हारा, बड़ा-सा शहर है,
तुम्हारी दुआ को, रवा मिल गयी है,
तुमको शहर की, हवा लग गयी है।
तुम्हारे lipstick पे बुर्क़ा नहीं है,
आरज़ू मे तुम्हारी, गिला भी नहीं है,
तुम अपनी अदा से चिढ़ाने लगी हो,
तुममे कोई 'कंगना' बस गयी है,
तुमको शहर की हवा लग गयी है।
वक़्त-बेवक्त भी खाने लगी हो,
काँटे औ' चम्मच चलाने लगी हो,
अपने से खाना बनाने लगी हो,
तुमको liberating सज़ा मिल गयी है,
तुमको शहर की हवा लग गयी है।
यूँ ही घूमने को निकल जाती हो,
खेलती भी हो तुम और लड़के पटाती हो,
तुम्हारी घुटन ख़ुदख़ुशी कर रही है,
तुमको तो ख़ुद मे वजह मिल गयी है,
जैसे हसरत को मेरी, दुआ लग गयी है।
तुमको शहर की हवा लग गयी है।।