Sunday, 15 January 2012

कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है....

कभी कभी मेरे दिल में 
ख्याल आता है,

की ज़िन्दगी गुज़र जाती यूँ 
उनके साथ चलते-चलते,
न शाम ढ़लती
किसी किनारे पर,
न रात रुकती किसी
सिरहाने पर,
बस उनकी मुस्कान
के सवेरे में मेरे
जज्बात पलते बढ़ते |

मेरी बाहों में वो
कुछ ऐसे पिघलते,
की न प्यास बुझती 
किसी पैमाने पर,
न मदहोशी थमती 
किसी मुहाने पर,
बस बह जाते दरिया
को पार करते-करते |


डूब जाते हम झील-सी 
आँखों में कुछ ऐसे,
की न साँसे ही रुकती
उसमे समाने पर,
और न धड़कने ही चलती 
अपने तराने पर,
बस गुज़र जाती ज़िन्दगी 
इक बार मरते-मरते |

कभी कभी मेरे दिल में ये ख़याल आता है......

जिम्मेवारी

लेकर बैठे हैं  खुद से जिम्मेवारी,  ये मानवता, ये हुजूम, ये देश, ये दफ्तर  ये खानदान, ये शहर, ये सफाई,  कुछ कमाई  एडमिशन और पढ़ाई,  आज की क्ल...