कभी कभी मेरे दिल में 
की ज़िन्दगी गुज़र जाती यूँ
डूब जाते हम झील-सी
ख्याल आता है,
की ज़िन्दगी गुज़र जाती यूँ
उनके साथ चलते-चलते,
न शाम ढ़लती
किसी किनारे पर,
न रात रुकती किसी
सिरहाने पर,
बस उनकी मुस्कान
के सवेरे में मेरे
जज्बात पलते बढ़ते |
मेरी बाहों में वो 
कुछ ऐसे पिघलते, 
की न प्यास बुझती 
किसी पैमाने पर, 
न मदहोशी थमती 
किसी मुहाने पर,
बस बह जाते दरिया
को पार करते-करते |
डूब जाते हम झील-सी
आँखों में कुछ ऐसे, 
की न साँसे ही रुकती
उसमे समाने पर,
और न धड़कने ही चलती 
अपने तराने पर,
बस गुज़र जाती ज़िन्दगी 
इक बार मरते-मरते |
कभी कभी मेरे दिल में ये ख़याल आता है......
