मैं गीत गाऊँगा,
तुम भूल जाओगी
अगर तुमको मनाऊँगा,
पिक्चर ले जाऊँगा तुम्हें
घाटे घूमाऊँगा,
अस्सी पे होगी शाम
गंगा पार ले जाऊँगा,
मैं हाथ धरकर जब
तुम्हारे साथ चल दूँगा,
तुम भूल जाओगी पुराने
जब नए किस्से सुनाउँगा,
मैं सोचता था नौकरी
जब हाथ मे होगी,
मेरे इरादों मे तुम भी
मेरे साथ मे होगी,
बात जो करते थे
मैं फिर से दुहराउँगा,
गानों की फेहरिश्त तुमको
फिर सुनाऊँगा,
फ़िल्मों के script भी
फाइनल कराऊंगा,
साइकिल चलाने की
सुनाओगी तुम भी किस्से,
मैं ठहाकों मे ही खुद
बेहोश होऊँगा,
कुछ बनते बिगड़ते
समाज के,
किस्से चबाएंगे
हम नारी शक्ति के
किस्सों पर कुछ
मरहम लगाएंगे,
कुछ प्रेम की बातों की
नमक मिर्ची मिला लेंगे,
हम अपने टूटे दिल से
कुछ महफिल जमा लेंगे,
तुम कर लोगे फिर से दोस्ती
जब हम दिल से बुलाएंगे,
हम गीत गाकर जब तुम्हें
फिर से मनाएंगे!