तो नहीं हैं राम?
क्या हर जगह
नहीं हैं राम?
प्यास मिटाते
मिलते हैं,
पर पनघट पर
नहीं हैं राम?
मन की गहराई
के भीतर
घुसते ही क्यूँ
नहीं हैं राम?
सतह भर पर
अठखेलियाँ करते
मिलते-जुलते
यहीं हैं राम?
राम नाम के
जाप को धूमिल
करते भी
क्यूँ नहीं हैं राम?
राम धाम
पहुंचाने वाला
राम सरीखा
राम का नाम!
राम राम राम राम
सत्य सत्य राम राम!
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