रोने दो चिल्लाने दो,
पहली बार भगाया है
अपना दुखड़ा गाने दो,
पहली बार उड़ी है वो
पंखों को सहलाने दो,
पहली बार चला है वो
अभी ज़रा लड़खड़ाने दो,
पहली बार किया है प्रश्न
उलझन मे हो जाने दो,
पहली बार तो आए हैं
इत्मिनान से बैठ जाने दो,
पहली बार तो रोई है
आँसू पीकर चखने दो,
मिट्टी मे जाकर लेटी है
धूल का रंग चढ़ जाने दो,
पहली बार तो मंच पे आया
कविता कोई सुनाने दो,
पहली बार आंखें दिखलाई
गर्मी उबाल तक आने दो,
पहली बार असमंजस मे है
और भीतर तक जाने दो,
पहली बार खुदा को कोसा
बार बार दुहराने दो,
पहली बार है घर से दूर
चादर ओढ़ के रोने दो,
पहली बार अलविदा कहा है
अपना गाल भिगोने दो,
पहली बार शिकार किया
और ज़रा गुर्राने दो,
आज किसी को क्या समझेगा
उसे दो दिन खुशी मनाने दो
आज खुदा के घर दूर
मिट्टी का पुतला निकला है,
पहली बार खुदा को भुला
मिट्टी तक मिल जाने दो!
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