Tuesday 25 September 2018

Rolle's Theorem

गर तुम मुझसे,

करती थी प्यार तब भी,
करती हो प्यार अब भी,
तो है इस दरमियाँ ही,
तुम्हारी बेख़ुदी की हद भी,

क्यूँकि तुम विचारों से
निरंतर बही हो।।

इस बेख़ुदी की हद से,

बदली है तुमने रूख भी,
ले ली है तुमने सुध भी,
तो हाँ उस घड़ी ही,
तुम थी गयी ठहर भी,

क्यूँकि तुम स्वभाव से
विचलित नहीं हो।।

इस प्यार की वजह से,

तुझमें बसा खुदा भी,
मुझमें बसा खुदा भी,
और हो गया ये प्यार,
ज़र्रे से बढ़के रब भी,

क्यूँकि तुम प्रभाव से,
अब संकुचित नहीं हो।।


Sunday 16 September 2018

PhD in Humanities

जब तलक तुम bachelor हो
Course कोई भी करो,
पर Major करने से पहले
एक बारी सोच लो !

क्यूँकि
bachelors मे कुछ भी करो,
Nobody cares,
But once you want to Major,
Your "social" background matters.

ये Major का विषय
तुम्हारे PhD को topic देगा,
पहचान तुम्हारी और तुम्हारे
ज्ञान का द्योतक होगा।

यही कहेगा कि तुम कितना
ध्यान दोगे काम पर,
Doctor यही बनाएगा
और जुड़ेगा नाम पर।

Major करने के बाद
कुछ वक़्त research ज़रूरी है,
और JRF भी ले लेना
गर पैसों की मजबूरी है।

क्योंकि नहीं पता तुमको
कब 'प्रकाश' चला जाए,
और तुम्हारी funding को
'ईरानी' केतु खा जाए।

फिर किसी भी college के
Admission ka पर्चा भरना,
और भाजपा नहीं पसंद तो
JNU नम्बर १ रखना।

Clear करके exam
Viva-voice मे बात करना,
राम नाम लेकर कॉलेज मे
फिर तुम प्रस्थान करना।

पाँच साल का अनुभव तुम्हारा
ज्ञान से भरा होगा,
और यक़ीनन आगे बढ़कर
भाग्य भी स्वरा होगा।




नवरात्र

भावनाओं की कलश  हँसी की श्रोत, अहम को घोल लेती  तुम शीतल जल, तुम रंगहीन निष्पाप  मेरी घुला विचार, मेरे सपनों के चित्रपट  तुमसे बनते नीलकंठ, ...