Tuesday, 25 September 2018

Rolle's Theorem

गर तुम मुझसे,

करती थी प्यार तब भी,
करती हो प्यार अब भी,
तो है इस दरमियाँ ही,
तुम्हारी बेख़ुदी की हद भी,

क्यूँकि तुम विचारों से
निरंतर बही हो।।

इस बेख़ुदी की हद से,

बदली है तुमने रूख भी,
ले ली है तुमने सुध भी,
तो हाँ उस घड़ी ही,
तुम थी गयी ठहर भी,

क्यूँकि तुम स्वभाव से
विचलित नहीं हो।।

इस प्यार की वजह से,

तुझमें बसा खुदा भी,
मुझमें बसा खुदा भी,
और हो गया ये प्यार,
ज़र्रे से बढ़के रब भी,

क्यूँकि तुम प्रभाव से,
अब संकुचित नहीं हो।।


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