मदर इंडिया ने
कुछ साल पहले,
त्रस्त होकर
कहा होगा शायद
"मेरे करण–अर्जुन आयेंगे!"
"भ्रष्टाचार के खिलाफ
आवाज बुलंद कर
बापू–सा फकीर
और दिल के अमीर
बनकर देश का
त्रास मिटाएंगे।
मेरे सपूत आयेंगे!"
आज द्रौपदी की
रथ का तंत्र
है भाई नरेंद्र संग,
हस्तिनापुर, पंजाब का
हाथ पकड़, बढ़ रहा
एक केजरीवाल।
इस लोकतंत्र की विभा मे
जीत जायेगा कौन,
कौन जीता रहेगा,
कौन चला जायेगा?
आज कर्ण फिर क्या
अर्जुन से हार जाएगा,
क्या फिर बनाने अपना रथ
रश्मिरथी उतर जायेगा,
कौन–सा रक्त कीचड़
पहियों मे लिपट जायेगा,
या द्वारका ही
इस बार बढ़ कर,
कर्ण को अपनाएगा,
दिल्ली पहुंचा नरेंद्र का रथ
घर से ही छूट जाएगा,
अब है नहीं मरना
किसी को और नहीं जाना,
भारत के इस संग्राम मे
गौरव राष्ट्र का बढ़ाना,
करन अर्जुन को मिलकर आज
मां को बचाना☀️