Friday, 15 July 2022

स्वयम्

इस बार स्वयम् ही लड़ लो
ले लो उसका नाम 
की जिसने राम नाम 
का मंत्र दिया,
मन मे कर लो ध्यान
की जिसको 
तुमने अपना सम्पूर्ण कहा,

खुद प्रकाश
बन कर चमको
हो जहां तम का 
साया भी रंच,
और बन जाओ
ढाल स्वयं
हो जहां बहुत 
स्वानों का मंच,

कुछ हाथ कटेंगे
पैर कटेंगे
दांत टूट गिर जायेंगे
राणा प्रताप के
चेतक जब 
लड़ते–लड़ते 
सो जायेंगे,
खुद का ही
बनकर कृष्ण
तुम राग मल्हार कहो!😊

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