करूंगा भी आगे,
किसका नाम लूं
और किसके लिए करूं,
किसको कहूं की
वो मुझे
राह दिखाकर चली गई,
किसका हाथ
पकड़कर बोलूं
यह मुझे साथ ले चली रही,
किसको गंगा मां की आरती
आज चढ़ा नाम लेकर,
किसको नाम लगाकर कूड़ा
फेंकूं आज उठा–उठाकर,
कौन है जिसके लिए ही मै
संसार छोड़ दूं एक पल मे,
किसकी आस लगाकर मै
लड़ जाऊं इस दुनिया से,
उसके लिए छोड़ दूं
और उसे हर जगह देखूं
या देख लूं सबमे उसको
तो करती है जो वो मै वही करूं!