Saturday 8 October 2022

हाथ का खाना

हाथ का खाना तुम्हारे
मै नहीं खाऊंगा,
मै भूख से बिलखकर
कुछ और लड़खड़ाऊंगा,

मै दही मे मिसरी
घोल के पिऊंगा,
मै ब्रेड मे दबाकर
ऑमलेट चबाऊंगा,
मै चाय भर ही पीकर
काम चलाऊंगा,

मै हूं नहीं कमाता
मै हूं नहीं कुछ करता,
मै आप की कमाई
अपने से ही जुटाऊँगा,

मै सो रहा हूं जमकर
मै रात भर हूं जगता
करता बहुत पढ़ाई
पर कुछ नहीं निकलता,
मै अपनी किस्मत फिर भी
कई बार आजमाऊंगा,

तुम साथ मेरे थी जबतक
तब तक तो मुस्कुराया,
तुम फोन करती मुझको
मै खूब ही इतराया,
उस बात की की कहानी
मै याद मे सजाऊंगा!

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