पुराने मेरे रिश्ते,
जुड़ गई टूटी हुई
रिश्तों की डोर,
देखने लगे हम
फिर से एक ही ओर,
हम साथ आ गए
घूमने के लिए,
और मना ली
फिर नौ रातें
नई–सुबह की तरह,
फिर राम के विजय की
शक्ति अराधना की,
फिर खाके हम पपीते
फांकों की श्रृंखला की,
हम फिर से जुड़ गए हैं
जब राहें नई पकड़ ली!
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