Monday 3 October 2022

तारे

टिम–टिम करते
रातभर
सुबह सुबह अब
सारे चले गए,
आसमान की
चादर मे लिपटे
सितारे चले गए,
तारामंडल की लकीरें
ग्रहों की चमक,
क्षितिज के किनारे
अंधेरों की रौनक भी
सारे चले गए,
सुबह–सुबह आसमान 
की चमक मे
सितारे चले गए!

No comments:

Post a Comment

दो राहें

तुम चले सड़क पर सीधा  हम धरे एक पगडंडी, तुम्हारे कदम सजे से  हम बढ़े कूदते ठौर, तुमने थामी हवा की टहनियां  हम बैठे डिब्बे में संग, तुम संगीत...