Wednesday 27 September 2023

ज्योतिष भाई

बस इसी अदा से 
लूट लिए ज्योतिष भाई,
वो कहते हैं 
'प्यार तुम्हारा है, मैं पटाऊंगा!'
तुम गुस्सा उन्हें दिलाते रहना 
मैं प्यार से उन्हें मनाऊंगा,
तुम नारियल पानी ले आना 
मैं देसी ठर्रा लाऊंगा,
तुम प्राणायाम सिखा लेना 
मैं सिगरेट खरीद कर लाऊंगा,
तुम शिव जी की बातें करना 
मैं चिल्लम मस्त बनाऊँगा,
तुम घाट बनारस के कहना 
मैं ठंडी भंग घुलाऊंगा,
तुम सीता-राम रटते रहना 
मैं केरल तक साथ निभाऊंगा,
तुम अख़बार पढ़कर मंथन करना 
मैं Whatsapp स्टैटस लगा दूँगा,
तुम कर लेना डिबेट बहुत 
मैं चुप होकर मुस्कराऊंगा,
तुम जीत ही लेना सारे खेल 
मैं दिल ही जीत कर आऊंगा,
तुम मधुशाला जाते रहना 
मैं रूम पर उसे बुलाऊंगा,
तुम सारे आसन कर लेना 
मै दुशासन तुम्हें बता दूँगा,
तुम बाँसुरी छत पर बज़ा लेना 
मै Spotify playlist सुनाऊंगा,
तुम earbuds खरीद लेना
मै IPad का कवर चुनवाऊंगा,
तुम t-shirt खोजकर ले आना 
मैं खेलने उसे बुलाऊंगा,
इश्क बेशक तुम्हारा ही रहेगा 
'मैं तो बस पटाऊंगा!' 

देवी जी

देवी जी मैं भोला हूं 
पहने खादी झोला हूं,
देवी आप विदेशी हैं 
रंभा और उर्वशी हैं,

आपकी अदा अनोखी है 
आपकी जुबान भी चोखी है,
आपके नगमें ऊँचे हैं 
आपके चर्चे कच्चे हैं,

आप न ठेकुआं खाती है 
आप न पता बताती हैं,
आप न लड़ने को बोले 
आप न पीछे जाती हैं,

देवी जी मैं बोलू क्या 
आप से खुद को जोड़ू क्या,
आपसे दूरी मुमकिन नहीं 
पर आपके तौलूं क्या?

Sunday 10 September 2023

नाराज़

किसी-किसी को
नाराज़ रहने दो,
कुछ रूठने वालों को 
भी याद रहने दो,

किसी की नहीं है 
फ़ितरत हमारे जैसी 
पैगम्बर किसी को 
किसी को राम रहने दो,

कोई है तुम्हारी परछाई
बीते समय की याद,
कोई हैं नन्हे कदम
चलने लगे हैं आज,
उनको आज अपने कल की 
सौगात रहने दो,

टूटी हुई टहनियाँ 
बरसात मे गिरी हैं,
आज सड़क जाम है 
भीड़ सी घिरी है,
अपनी लाचारी का लोगों को 
तनिक ध्यान रहने दो!

Friday 8 September 2023

फैल गए

फैल गए हम ज़रा-सा 
भाव देने पर,
तुम्हारे भाव पर फैले 
तो अपना नाम हो गया है,
पा नहीं सकते 
तुम्हारे ख़ास का रुतबा,
पास आये हैं 
तो अपना काम हो गया है,

अभी तुम्हें ज़रूरत 
मेरी जुबां की पड़ी है,
तुम्हारे गीत गा रहे हैं 
तो अब बदनाम हो गए हैं,
हमें फ़ैलने की आदत 
भूल ही गई थी,
तुम बरसात लेकर आए 
तो अब बहार हो गए हैं!

Tuesday 5 September 2023

तकलीफ

उन्होंने कहा 
जिक्र न करो,
हमने नाम लेना 
छोड़ दिया,
उन्होंने कहा 
बदनाम न करो 
हमने इशारे करना 
छोड़ दिया,
उनको तकलीफ है 
हमारे आने से,
तो हिज्र को रुखसत 
छोड़ दिया,
उन्होंने अदब से 
मुँह फेरा,
हमने सजदा करना 
छोड़ दिया,
उनकी तबीयत
नासाज़ हुई,
हमने दर्द मे रोना 
छोड़ दिया,
उनकी मदिरा मे
भंग आया, 
हमने चखना खाना 
छोड़ दिया,
उन्होंने ज़रा-सा
'उफ' बोला,
हमने साँसे लेना
छोड़ दिया!





Monday 4 September 2023

राम पौध

आने दो सारी विष सरिता 
राम नाम के सागर मे,
रंग जाने दो केसरिया मे
आज अंधकार के दर्पण को,

आज पवनसुत के आनंद मे
मद का प्याला ले आओ,
आज गलत वाणी के लय को 
राम चरित के संग गाओ,

आज अपने बोझ को थोड़ा 
नीचे रख दो मिट्टी पर,
आज राम को ही भरने दो 
इस जीवन के सारे कर!

कैक्टस

आपके बगीचे में फूल है 
आपके छुने से खिल जाती है,
हमारे घर मे कैक्टस है 
पानी देने पर भी कुम्हला जाती है,

गुलाबों से हार बनाया है 
फिर इत्र क्या, रुआब क्या?
मरूस्थल से नागफनी उठाया है
फिर खार क्या और ख्वाब क्या?

जब साँप को दूध पिलाया है 
तो आस्था क्या मजबूरी क्या?
जब लंका मे सर झुकाया है 
तो सेवा क्या जी हुजूरी क्या?

जब दिल लगा चुड़ैल से 
तो परी क्या चीज़ है?
जब सजा रखा है नागफनी 
तो चमेली क्या चीज़ है?

जब घर बनाया ज्वाला मुखी पर 
तो पालना और अर्थी क्या चीज़ है?
और करते हैं यमराज की सवारी 
तो भैस और लोम्बार्घिनी क्या चीज़ है ?

नवरात्र

भावनाओं की कलश  हँसी की श्रोत, अहम को घोल लेती  तुम शीतल जल, तुम रंगहीन निष्पाप  मेरी घुला विचार, मेरे सपनों के चित्रपट  तुमसे बनते नीलकंठ, ...