आपके छुने से खिल जाती है,
हमारे घर मे कैक्टस है
पानी देने पर भी कुम्हला जाती है,
गुलाबों से हार बनाया है
फिर इत्र क्या, रुआब क्या?
मरूस्थल से नागफनी उठाया है
फिर खार क्या और ख्वाब क्या?
जब साँप को दूध पिलाया है
तो आस्था क्या मजबूरी क्या?
जब लंका मे सर झुकाया है
तो सेवा क्या जी हुजूरी क्या?
जब दिल लगा चुड़ैल से
तो परी क्या चीज़ है?
जब सजा रखा है नागफनी
तो चमेली क्या चीज़ है?
जब घर बनाया ज्वाला मुखी पर
तो पालना और अर्थी क्या चीज़ है?
और करते हैं यमराज की सवारी
तो भैस और लोम्बार्घिनी क्या चीज़ है ?
No comments:
Post a Comment