Sunday 28 April 2024

सुबह की नींद

एक और नींद 
एक और निवाला,
एक और चुस्की 
एक और करवट,
एक थोड़ी झंझट 
एक और जुगाड़,
एक आलस्य भरी अंगड़ाई
एक छोटी-सी चतुराई,
एक मोहल्ले का त्यौहार
एक हाथ पकड़े प्यार,
एक समस्या एक समाधान,
एक पंचायत, एक प्रधान
एक घर, एक कर्म
एक नाम, एक धर्म!


Tuesday 9 April 2024

नवरात्र

भावनाओं की कलश 
हँसी की श्रोत,
अहम को घोल लेती 
तुम शीतल जल,

तुम रंगहीन निष्पाप 
मेरी घुला विचार,
मेरे सपनों के चित्रपट 
तुमसे बनते नीलकंठ,

अलग करती अनुराग 
जो सर्व-सुलभ अनुराग,
तुम्हारी बातों की शुरुआत 
मेरे लिए ही राम!

Saturday 6 April 2024

चाँद

बदला बादल 
रंग और स्वरूप,
नव-दर्पण
नया सहर,
नया तेवर 
नया कलेवर,
नवरात्र का इन्द्रधनुष 
समर्पण का भाव,
पुराने आँसू 
नयी मुस्कान,
ईद-सी ख़ुशी 
पूर्णिमा का चांद!

पाना

थोड़ा महत्व
थोड़ा समय,
थोड़ी बुद्धि 
थोड़ी वृद्धि,
थोड़ा ज्ञान
थोड़ा मान,
एक कुर्सी 
एक मेज,
एक कलम 
एक काग़ज़,
एक पहिया 
एक अर्दली,
एक रास्ता 
एक साथी,
मुट्ठी भर सन्तुष्टि!

Thursday 4 April 2024

दृश्यता

पहले एक दृश्य
फिर एक छोटा शब्द,
फिर इतिहास की बात 
फिर विचारों का मौन,
फिर सब विराम 
एकांत और लिप्सा,
और एक गलती,
और एक बंधन!

Tuesday 2 April 2024

क्या चाहिए आपको?

एक पोटली में भर कर 
कोई खुशियाँ आपकी दे दे,
मैं हर सुबह आपके 
दरवाज़े पर रख आऊँ,
कोई आपकी उल्लास मुझे 
गुब्बारों में भर के दे दे,
मैं हर असमान मे
अपने हाथों से उड़ाऊ,
कोई एक चम्मच आपका 
ज्ञान मुझे पहुँचा दे,
मैं हर रात अपनी 
आँखों में लगा सोऊं,
कोई आपकी गरिमा
एक मुकुट में जड़ के दे दे,
मै भारत माँ के सर पर
शान से सजाऊं,
कोई दे दे आपका मुझको
उन्मुक्त-सा व्यवहार,
मैं हर नदी-तालाब मे
थोड़ा-सा घोल आऊं,
कोई आपकी सरलता
मेरी हथेली मे थोड़ी रख दे,
मै गंगा माँ के हर घाट पर
आँचल जैसा बिछाऊं,
कोई जुगाड़ से चुरा ले
आप जैसा तेज,
मैं हर किरण में नभ की
मालिश कर चमकाऊं,
मैं क्या कहूं खुदा से की
कोई आप जैसा फिर से लाऊं?

सुबह की नींद

एक और नींद  एक और निवाला, एक और चुस्की  एक और करवट, एक थोड़ी झंझट  एक और जुगाड़, एक आलस्य भरी अंगड़ाई एक छोटी-सी चतुराई, एक मोहल्ले का त्यौह...