Tuesday, 2 April 2024

क्या चाहिए आपको?

एक पोटली में भर कर 
कोई खुशियाँ आपकी दे दे,
मैं हर सुबह आपके 
दरवाज़े पर रख आऊँ,
कोई आपकी उल्लास मुझे 
गुब्बारों में भर के दे दे,
मैं हर असमान मे
अपने हाथों से उड़ाऊ,
कोई एक चम्मच आपका 
ज्ञान मुझे पहुँचा दे,
मैं हर रात अपनी 
आँखों में लगा सोऊं,
कोई आपकी गरिमा
एक मुकुट में जड़ के दे दे,
मै भारत माँ के सर पर
शान से सजाऊं,
कोई दे दे आपका मुझको
उन्मुक्त-सा व्यवहार,
मैं हर नदी-तालाब मे
थोड़ा-सा घोल आऊं,
कोई आपकी सरलता
मेरी हथेली मे थोड़ी रख दे,
मै गंगा माँ के हर घाट पर
आँचल जैसा बिछाऊं,
कोई जुगाड़ से चुरा ले
आप जैसा तेज,
मैं हर किरण में नभ की
मालिश कर चमकाऊं,
मैं क्या कहूं खुदा से की
कोई आप जैसा फिर से लाऊं?

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