वो सुबह-सुबह
जा सोने वाला,
गंगा-सा
मन धोने वाला,
दूसरों को हँसाने वाला
सबके आँसू पोछने वाला,
राँची का सूरज चला गया!
वो बात-बात पर
झुकने वाला,
साढ़े 12 उठने वाला,
हर खेल को
मिलकर जीतने वाला,
Walk of pride
करने वाला,
शेर हमारा चला गया,
कविता क्लास मे
पढ़ने वाला,
वो किरण के
प्रेमी का साला,
जियांका को
हंसाने वाला,
पोल डांस
दिखलाने वाला,
PD से ना
डरने वाला,
मेरी attendance
लगाने वाला,
मेरा मंदिर
बनवाने वाला,
सबको खूब
नचाने वाला,
पीकर हुड़दंग
मचाने वाला,
90° गेंद घुमाकर
पीछे मुड़ मुस्काने वाला,
वो दाएं देखकर
बाये serve लगाने वाला,
वो ट्रेन की
training मे जाकर,
पटरी से ट्रेन
हटाने वाला,
वो बाबा साहब को राँची
दीवारों पर
टांगवाने वाला,
स्पन्दन को भी
लंबा लंबा चूल
पर ठुमके
लगवाने वाला,
हर गाली को
डबल लगाकर
नया सबक
सिखलाने वाला,
करके राँची को अँधियारा
बीच राह मे बदल गया,
सूरज हमरा चला गया!
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