उसपर कैसे खाना?
खाली थाली भर कर
क्या अकेले मुह डोलाना ,
जब दोस्त नहीं, ज़ज्बात नहीं
किसी का सामने साथ नहीं,
कोई नहीं टिप्पणी करता हो
कोई रोटी नहीं झपटता हो,
कोई नुक्श निकाल के बोले न
कोई थाली छोड़ के डोले न,
रोटी देकर चावल ले
कोई पनीर का टुकड़ा छोड़े न,
तो भूख भी कैसी ठंडी हो
पेट भरण की जल्दी हो,
मेस का खाना अधूरा हो
जब दोस्त का साथ न पूरा हो!
No comments:
Post a Comment