की सबसे पहले 
कर लूँ हासिल,
और छीन लूँ 
किसी और से 
भोंक दूँ तलवार,
खरीद कर 
ला दूँ तुम्हें 
मैं लूट लूँ बाजार,
फिर लगाकर लड़ी
खिड़कियों दरवाजों पर,
करूँ घर का मैं श्रृंगार,
या उठाकर 
रख दूँ तुम्हें 
ऊँचे मर्तबान
जहाँ छू ना सके कोई 
तुम रहो नहीं इंसान,
तुम से लूट कर तुमको 
तुम पर करूँ 
मैं कोई बड़ा एहसान!
 
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