राम का ले सहारा
खुद की चिता सजाता,
धुआं और रंगीन पानी
एयरपोर्ट से खरीद लाता,
घर को पीछे छोड़ आता
मदमस्त हो जाता,
और गाता नाचता
लोगों को बुलाता,
मधुशाला की रात मे
चाँद लगाता,
प्रेम के किस्से सुलझाता
पींगे लोगों के बढ़ाता,
मुस्कुराता, एक क्वार्टर चढ़ता
और शुरूर मे हो जाता,
एन्जॉय करता रावण
अपनी मूर्ति मे आग लगाता
एक पेग और बनाता,
किडनी को शूली पर चढ़ाता !
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