Sunday 16 July 2023

कविता

बस गुदगुदी होती है 
कलम चल जाता है,
आपकी याद आती है 
मन मचल जाता है,

मैं चाहता तो नहीं 
आपकी बात को लिखना,
बस  हवा चलती है 
सब बदल जाता है,

कुछ किताबें पलट कर 
दिल जमाता तो हूँ,
एक किरण आते ही 
ये पिघल जाता है!

1 comment:

  1. Anonymous00:37

    Pyar hi pyar baras raha prabhu

    ReplyDelete

दो राहें

तुम चले सड़क पर सीधा  हम धरे एक पगडंडी, तुम्हारे कदम सजे से  हम बढ़े कूदते ठौर, तुमने थामी हवा की टहनियां  हम बैठे डिब्बे में संग, तुम संगीत...