Monday, 4 September 2023

राम पौध

आने दो सारी विष सरिता 
राम नाम के सागर मे,
रंग जाने दो केसरिया मे
आज अंधकार के दर्पण को,

आज पवनसुत के आनंद मे
मद का प्याला ले आओ,
आज गलत वाणी के लय को 
राम चरित के संग गाओ,

आज अपने बोझ को थोड़ा 
नीचे रख दो मिट्टी पर,
आज राम को ही भरने दो 
इस जीवन के सारे कर!

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