फिर अंगद का
पैर हिला दे कोई,
आज पूंछ बानर की
फिर से और
जला दे कोई,
कोई जड़वत करे
अहिल्या,
कोई दे अभिशाप,
विश्वामित्र की
कठिन तपस्या
कोई बुझा दे आग,
कोई फिर से खा जाए
हनुमान को मुंह फैलाकर,
कोई फिर से ले जाए
सीता मां को उड़ाकर,
कोई रक्खे धनुष शिव जी का
हाथ से जरा उठाकर,
रास्ता रोके रघुनाथ का
कोई बड़ा सा सागर,
कोई नंद के लाल को आज
मय का क्षीर पीला दे,
कोई द्रौपदी को घसीट ले
कोई वस्त्र उतारे,
कोई अपनी दस सर
विज्ञान के होते लगा ले,
कोशिश कर के
आज फिर कोई
राम से निकले आगे!😊
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