Monday, 20 March 2023

एक बहाना

एक बहाना 
और चाहिए,
नहीं आज 
उठने के लिए,

कुछ एक कदम 
रुकने के लिए,
फैली हुयी सियाही 
कलम मेरी 
रखने के लिए,

एक बहाना और 
कुछ और नहीं 
चलने के लिए,

टूटा एक ही पंख 
अब और नहीं 
उड़ने के लिए,

एक धमकी बहुत 
कुछ और नहीं 
कहने के लिए,

एक टिप्पणी 
से खिन्न,
अब और मौन 
रहने के लिए,

कुछ दर्द पर 
मरहम मल,
अब और सहन 
करने के लिए,

एक बहाना और 
दूर बहुत रहने के लिए!





No comments:

Post a Comment

सुधार

तुम सुधर न जाना  बातें सुनकर जमाने की,  कहीं धूप में जलकर  सुबह से नजर मत चुराना,  ठंड से डरकर  नदी से पाँव मत हटाना,  कभी लू लगने पर  हवा स...