Saturday 11 March 2023

नोक-झोंक

कुछ शब्द 
बहुत ही 
पहले के,
बिन सोचे-समझे 
बोल दिया,
कुछ यादें उनकी 
ताजा की,
कुछ सीमाओं को 
तोड़ दिया,

जब बोला बिना 
कुछ रुके हुए,
बस बात के आगे 
बात रखी,
कुछ तोहमत 
उनपर लगा दिया,
कुछ बातें भी 
उनकी नहीं सुनी,

आज काल 
बेरोक-टोक,
हो जाती है 
नोक-झोंक!

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