Monday, 12 April 2021

Transaction

मुझको अच्छी लगती है,
बातें तुम्हारी कुछ भी हो, 
मुझको अच्छी लगती हैं,
गाली तुम्हारी आवाज मे हो।

मुझको अच्छा लगता है, 
जब timepass भी करती हो,
मुझको अच्छा लगता है,
जब मेरे साथ मे होती हो।

पर तुम जब होती साथ नहीं 
तो कुछ भी अच्छा नहीं लगे,
जब तुम करती हो बात नहीं 
तो तुम क्यों अच्छी नहीं लगी ?

क्या प्यार मेरा बस नाम का है?
Transaction ये किस काम का है?
दिव्यांशी वाली प्रीति क्या है? 
मीरा-तुलसी की रीति क्या है ?

तुम मेरे फोन की tariff हो 
जो खतम हो गयी बीच मे ही? 
या exam का नंबर हो,
जो cut-off के नीचे ही अटकी?

गलती मेरे एहसास की है,
फिर तत्व भला किस काम है?
बजरंग-बली को मोती तो,
बस नाम ’सियावर-राम’ का है!

Friday, 9 April 2021

हिय की राम

खल दल गंजनम् 
सर्वज्ञ मेरे प्रियतम् 
तुम मेरे हिय की सिया 
तुम हृदय की राम हो।

मन में धरी 
सुगंधित मेरी 
हिय कुंज कि तुम धाम हो,
तुम सिया मेरी 
तुम ही मेरी राम हो। 

मधुमालती हो भोर की, 
पारिजात मेरी रात की,
मेरे कटु वचनों को चुनती 
विश्राम कि तुम शाम हो,
सिय तुम मेरी दिवस की
तुम ही मेरी राम हो ।

तुम सुदर्शन-सोम रस हो 
तुम शिवम् की चांद भी,
तुम गजानन-राग हो 
तुम मारुति-ध्यान भी,
पंचवटी की वायु मधुर
तुम ही सिया की राम हो।

सुधार

तुम सुधर न जाना  बातें सुनकर जमाने की,  कहीं धूप में जलकर  सुबह से नजर मत चुराना,  ठंड से डरकर  नदी से पाँव मत हटाना,  कभी लू लगने पर  हवा स...