कभी कभी मेरे दिल में
की ज़िन्दगी गुज़र जाती यूँ
डूब जाते हम झील-सी
ख्याल आता है,
की ज़िन्दगी गुज़र जाती यूँ
उनके साथ चलते-चलते,
न शाम ढ़लती
किसी किनारे पर,
न रात रुकती किसी
सिरहाने पर,
बस उनकी मुस्कान
के सवेरे में मेरे
जज्बात पलते बढ़ते |
मेरी बाहों में वो
कुछ ऐसे पिघलते,
की न प्यास बुझती
किसी पैमाने पर,
न मदहोशी थमती
किसी मुहाने पर,
बस बह जाते दरिया
को पार करते-करते |
डूब जाते हम झील-सी
आँखों में कुछ ऐसे,
की न साँसे ही रुकती
उसमे समाने पर,
और न धड़कने ही चलती
अपने तराने पर,
बस गुज़र जाती ज़िन्दगी
इक बार मरते-मरते |
कभी कभी मेरे दिल में ये ख़याल आता है......
यार धीरज ! तू बहुत अच्छा लिखता है भाई .. पब्लिश कर .. बहुत वज़न है तेरी कविताओं में ...
ReplyDeleteJangu aapse achi kaha likhte hain.... bas itana kahunga ki
ReplyDeleteमैं पल दो पल का शायर हूँ, पल दो पल मेरी कहानी हैं
पल दो पल मेरी हस्ती है, पल दो पल मेरी जवानी हैं......