मुरली सुनकर, छत पर छुपकर
धीरे से चढ़ जाती वो,
मम्मी की पुकार सुनकर,
धीमी आवाज लगाती वो,
मन मसोसकर, phone काटकर
मन ही मन पछताती वो,
बात में गुम हो, दूध खौलता
छोड़ के आती वो,
मम्मी की डाँट का हुबहू,
नक़ल बनाती वो,
राम नाम का ध्यान धरे,
सीता-सी अघाती वो,
स्कूल से आकर अंतर मन से,
मुझे बुलाती वो,
बातें करती, सपने बुनती,
ख़ुश हो जाती वो,
तिनकों के घरौंदो से चुन-चुन कर,
मुझे भुलाती वो,
उधौ की बात को सच मानकर,
कृष्ण मिटाती वो।
धीरे से चढ़ जाती वो,
मम्मी की पुकार सुनकर,
धीमी आवाज लगाती वो,
मन मसोसकर, phone काटकर
मन ही मन पछताती वो,
बात में गुम हो, दूध खौलता
छोड़ के आती वो,
मम्मी की डाँट का हुबहू,
नक़ल बनाती वो,
राम नाम का ध्यान धरे,
सीता-सी अघाती वो,
स्कूल से आकर अंतर मन से,
मुझे बुलाती वो,
बातें करती, सपने बुनती,
ख़ुश हो जाती वो,
तिनकों के घरौंदो से चुन-चुन कर,
मुझे भुलाती वो,
उधौ की बात को सच मानकर,
कृष्ण मिटाती वो।
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