एक और निवाला,
एक और चुस्की
एक और करवट,
एक थोड़ी झंझट
एक और जुगाड़,
एक आलस्य भरी अंगड़ाई
एक छोटी-सी चतुराई,
एक मोहल्ले का त्यौहार
एक हाथ पकड़े प्यार,
एक समस्या एक समाधान,
एक पंचायत, एक प्रधान
एक घर, एक कर्म
एक नाम, एक धर्म!
तुम सुधर न जाना बातें सुनकर जमाने की, कहीं धूप में जलकर सुबह से नजर मत चुराना, ठंड से डरकर नदी से पाँव मत हटाना, कभी लू लगने पर हवा स...