Thursday, 14 November 2024

एक बापू हैं!

एक बापू है हृदय में 
एक खादी है तन पर 
एक गीत है होठों पर 
एक राष्ट्र है पेशानी पर 
एक काम है मेरे हाथों में 
एक रफ्तार है मेरे पैरों में 
एक गर्व है मेरी चाल में 
एक समर्पण है मेरे ख्याल में 
एक भाव है मेरे मिलने में 
एक जिद है कुछ बदलने में 
एक मकसद है मेरे बापू में!

अन्याय

जो हो गया है 
उस अन्याय का क्या?
क्या होगा उस 
दर्द का जो किसी ने
माथे पर खींचा
क्या खुलेगी कभी भी
वो मुट्ठी जो 
लाचारी ने है भींचे,
जो चोट लगी 
उस दाग का क्या?

दो कदम

दो और कदम 
कुछ राम चलेंगे,
दो और पल 
मेरे साथ रहेंगे,
मेरे कर्म तो 
अपने आप जलेंगे,
कुछ वजह 
जमाने को देने
कुछ संकल्प को 
हाथ बटाने 
मेरे युद्ध में साथ लड़ेंगे!

एक बापू हैं!

एक बापू है हृदय में  एक खादी है तन पर  एक गीत है होठों पर  एक राष्ट्र है पेशानी पर  एक काम है मेरे हाथों में  एक रफ्तार है मेरे पैरों में  ए...