क्यूँ फ़ोन किया था ?
कुछ कहना है ?
कुछ बताना है ?
कुछ पुछना है ?
कुछ जताना है ?
मै कुछ नया तो
करती नही,
तो उसी बात को
क्यूँ बार-बार दुहराना है ?
क्या करूँगी सुनकर,
तुम्हारी भी बातें ?
मुझे कौन- सा उसपे
थिसिस बनाना है ?
परीक्षा है मेरी,
मुझे पाठ दुहराना है।
कुछ बच्चों को शाम को,
ट्युशन पढ़ाना है।
कोई काम भी है मुझको,
थोड़ा बाहर भी जाना है।
आज छुट्टी है सबकी
वो अलग ही फ़साना है।
कल क्लास थोड़ी जल्दी है,
मुझे तड़के ही जाना है ।
आज भी बहुत काम था,
तो सोई नही हूँ,
उसका भी कोटा,
मुझे आज ही भूनाना है।
ख़ैर तूम्हे तो सब पता है
तो फिर क्या समझाना है ?
और कहो! क्या हुआ ?
तुम्हे कुछ सुनाना है ?
'नहीं! कुछ नहीं,
बस यूँ ही!'
कुछ कहना है ?
कुछ बताना है ?
कुछ पुछना है ?
कुछ जताना है ?
मै कुछ नया तो
करती नही,
तो उसी बात को
क्यूँ बार-बार दुहराना है ?
क्या करूँगी सुनकर,
तुम्हारी भी बातें ?
मुझे कौन- सा उसपे
थिसिस बनाना है ?
परीक्षा है मेरी,
मुझे पाठ दुहराना है।
कुछ बच्चों को शाम को,
ट्युशन पढ़ाना है।
कोई काम भी है मुझको,
थोड़ा बाहर भी जाना है।
आज छुट्टी है सबकी
वो अलग ही फ़साना है।
कल क्लास थोड़ी जल्दी है,
मुझे तड़के ही जाना है ।
आज भी बहुत काम था,
तो सोई नही हूँ,
उसका भी कोटा,
मुझे आज ही भूनाना है।
ख़ैर तूम्हे तो सब पता है
तो फिर क्या समझाना है ?
और कहो! क्या हुआ ?
तुम्हे कुछ सुनाना है ?
'नहीं! कुछ नहीं,
बस यूँ ही!'
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