Saturday, 13 February 2021

सत्यजीत

धैर्य वाला सत्यजीत 
सत्य वाला धीरज 
भाव वाला सत्यजीत 
बिना भाव धीरज 

सत्यजीत महारथी 
कर्ण वाला धीरज 
धीरज वाला प्यार 
सत्यजीत वाला व्यवहार 
नौकरी वाला सत्य 
तैयारी वाला धैर्य ।

हंसने वाली रोना 
रोने वाला सत्य,
सत्य की रोना 
या धीरज धरती रोना
रोना ही जाने सत्य !

सत्य का रोने में धैर्य,
धीरज का सत्य के लिए रोना 
या रोना का धैर्य के पहले रोना
कौन है पात्र-प्रेमी ?

धैर्य धरो, सत्य !
सत्य धरो, धीरज !
हमको हो रोना, 
तुमको हो रोना 
हमारी है रोना
तुम्हारी है रोना।

Saturday, 6 February 2021

नमस्ते

सब हंसते हैं 
जब कहते हो-नमस्कार !
तुम झुक करके,

सब हंसते हैं 
जब बहलाते हो
बातें मीठी,
कर करके 

सब हंसते हैं,
सरल बात को 
सरल शब्द में कहते हो,

सब हंसते हैं,
जब चिल्लाती हूं
तुम शांत मुस्कुरा सुनते हो,

सबका हंसना है-तिरस्कार 
हो बात तुम्हारी नम्र भले,
जग को देखा तो प्यार किया 
तुम जग से आगे क्यों निकले ?

बापू के आदर्शो पर 
चलना कैसे सीख गए ?
चिल्लाने वाली लड़की को 
तुम कैसे सहना सीख गए ?
Verbal abuse तो सहते थे,
पर Emotional abuse 
से ढह क्यों गए?

अब लगते हो बहुत पुराने 
मेरे भाव को नहीं बने,
कहती हूं मैं रोना तुमको 
टाटा,बाय-बाय, नमस्ते !

Tuesday, 2 February 2021

Literature वाली

तुमको कहूं
किस शब्द में,
कि शब्द संकरे पड़ गए 
तुम निकालो खोट उसमें,
जो खोजने ही में,
दिन हजारों लग गए। 

पर तुम निरंतर ढूंढती हो 
शब्द मेरी बात मे
भाव के विन्यास मे।

की हो गई हो
तुम परस्पर 
अपने ही अंदाज मे-
Literature वाली।

सुधार

तुम सुधर न जाना  बातें सुनकर जमाने की,  कहीं धूप में जलकर  सुबह से नजर मत चुराना,  ठंड से डरकर  नदी से पाँव मत हटाना,  कभी लू लगने पर  हवा स...