Tuesday 2 February 2021

Literature वाली

तुमको कहूं
किस शब्द में,
कि शब्द संकरे पड़ गए 
तुम निकालो खोट उसमें,
जो खोजने ही में,
दिन हजारों लग गए। 

पर तुम निरंतर ढूंढती हो 
शब्द मेरी बात मे
भाव के विन्यास मे।

की हो गई हो
तुम परस्पर 
अपने ही अंदाज मे-
Literature वाली।

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