Saturday, 31 August 2024

वादा

इस बार नहीं रोना 
इस बार इन्तेज़ार,
इस वक्त के लिए 
उस समय का विधान,

चक्रवर्ती भाव का 
राम समाधान,
मोड़ पर मुड़ने से पहले 
राह की पहचान,

कुछ नया है नहीं 
यह जड़ता का ज्ञान,
परछाईं बनेगी कैसे 
मेरे रंज का समान,

वादा किया है कल 
रहेगा कल तलक ईमान!


No comments:

Post a Comment

सुधार

तुम सुधर न जाना  बातें सुनकर जमाने की,  कहीं धूप में जलकर  सुबह से नजर मत चुराना,  ठंड से डरकर  नदी से पाँव मत हटाना,  कभी लू लगने पर  हवा स...