Wednesday, 12 March 2025

कहानी

एक कहानी
पूरी सुन लूं, 
राजा की और 
रानी की, 
एक छोर से शुरू करूँ 
और एक छोर तक जाऊँ, 
एक किनारे खड़ा रहूँ 
और एक राग बजाऊं, 
एक सुनाऊँ तुम्हें कहानी 
एक मे मैं बंध जाऊँ, 
एक माँग की मन्नत मांगूँ
एक से प्रीत निभाऊं, 
एक देश से प्रेम करुं 
और एक की शर्त उठाऊं!

No comments:

Post a Comment

जिम्मेवारी

लेकर बैठे हैं  खुद से जिम्मेवारी,  ये मानवता, ये हुजूम, ये देश, ये दफ्तर  ये खानदान, ये शहर, ये सफाई,  कुछ कमाई  एडमिशन और पढ़ाई,  आज की क्ल...