और किसी के साथ नहीं, 
साथ हमारे लड़ना 
और किसी से बात नहीं,
तुम्हारा छुपकर हमसे बतियाना 
और किसी को घास नहीं, 
मेरे लिये मिठाई लेकर 
डिब्बा भरकर ले आना, 
मेरी बातों पर खुलकर हंसना 
और किसी से हट जाना, 
मेरे संग की मार्केटदारी
साथ हमारे गोलगप्पे, 
मेरी बनी सहेली मेरी
ऑफिस वाले कुछ गप्पें,
मेरा मजाक बनाना खुलकर 
धोती उधेड़कर रख देना,
साथ हमारे चलते डरना
और किसी से जल जाना,
भजन हमारा सुनकर अपने 
सखियों के संग हंस देना,
दाम लगाना पाई-पाई 
हमसे आकर पक्का करना,
और पसीने के टेसु को
पंखे से छूकर ढकना,
याद आयेगी साथ तुम्हारे
स्टेशन की सब्जी-रोटी,
चिढ़ने वाली झूठी-मूठी
अदाकार छोटी-मोटी
 
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