ये मिजाज कागजी,
हमारे-तुम्हारे रबाब कागजी
समय की जुबा
समय का लतीफ,
ये हमारे तुम्हारे
ज़ज्बात कागजी,
मिले हैं तुमसे
मिलेंगे कहाँ फिर,
ये खुदा हाफिजों
का रिवाज कागजी!
लेकर बैठे हैं खुद से जिम्मेवारी, ये मानवता, ये हुजूम, ये देश, ये दफ्तर ये खानदान, ये शहर, ये सफाई, कुछ कमाई एडमिशन और पढ़ाई, आज की क्ल...