बंद कमरा
वक्त का पता
न जल न भोजन
करते-करते नंबर–नंबर
बातें,आदत, सीधी–कमर,
भूल गए धरती और अंबर
भूल गए चिड़ियां
भूल गए कोयल
पशु–पक्षी,घास
पेड़ और छाव
सब भूल गए,
वह सोचते घुटनों से,
मैं लिखता कलम से
अपनी 2 मिनट की छोटी कविता
जैसे Oppenheimer की गीता।
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