Monday 22 March 2021

Manipulative

तुम हो कि 
मेरे प्यार का ख्याल हो गई हो
तुम हो की 
खुशी का पर्याय हो गई हो।

तुम हो कि 
भड़कती हर लड़की में दिखती हो,
तुम ही हो जो
हर मायूस चेहरे में दिखती हो,

तुम हर भावना की, मिसाल हो गई हो !

तुम ही हो पढ़ती
बगल में बैठकर, 
तुम ही हो सोती 
मेरी पलंग पर,
तुम ही देखती हो 
मुझको पलटकर,
तुम ही तो कहती हो 
बस कर, बस कर,
curved होंठों वाली 
लड़की तुम ही हो, 
जो हंसती नहीं है
वही तुम कहीं हो,

तुम पढ़ाई की मेरी, किताब हो गई हो।
 
नासिका–विवर 
थोड़े चौड़े हुए हैं,
आंखों में रेशे उभरे हुए हैं,
गाल जो हल्के से 
लाल पड़ गए हैं 
कश्मीरी सेब 
खट–मिठास हो गए हैं,
 
जो बताती नहीं है,
सोचती पर बहुत है, 
जो कहती नहीं 
रूठती हर बखत है,
जो है किसी बात पर चरमराई,
जिसकी नाक पर 
पसीने की बूंदें है आई,
नहीं सीधी है पर
मग में समझती,
खुद को कमजोर
समझ कर लड़ती,

तुम ego कि मेरे, नकाब हो गई हो।

तुम ही दीपिका की 
अदा में बसी हो 
डिंपल की उसकी 
हंसी में छुपी हो 
तुम ही कंगना की 
aggressive सतह हो
तुम ही तापसी की
ecstatic नज़र हो,
तुम ही कृति की 
आवारापन हो,
किआरा कि तुम ही
कुंवारापन हो,
तुम्ही खेलती हो 
दिशा–सी tease करके,
तुम ही बोलती हो 
राधिका–सी खुलकर,संभल के,

तुम मेरी कामना की, सूत्रधार हो गई हो।

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