Thursday, 5 December 2024

गुस्ताख

हम करेंगे तो गुस्ताखी होगी 
आप करेंगे तो शोखी होगी,
हम करेंगे तो परवाज होगा
आप करेंगे तो अंदाज होगा,
हम करेंगे तो बगावत होगी 
आप करेंगे तो इबादत होगी,
हम करेंगे तो ज़ुर्रत होगी 
आप करेंगे तो रहमत होगी,
हम करेंगे तो पहरे होंगे 
आप करेंगे तो नज़रे होंगी,
हम करेंगे तो सुगबुगाहट होगी 
आप करेंगे तो कयामत होगी,
हम करेंगे तो नया तरीका होगा 
आप करेंगे तो शलीका होगी,
हम करेंगे तो महारत होगी 
आप करेंगे तो आदत होगी,
हम करेंगे तो शिकायत होगी 
आप करेंगे तो दावत होगी,
हम करेंगे तो जरूरत होगी 
आप करेंगे तो ईनायत होगी,
हम करेंगे तो किस्से होंगे 
आप करेंगे तो रामायण होगी!

No comments:

Post a Comment

सुधार

तुम सुधर न जाना  बातें सुनकर जमाने की,  कहीं धूप में जलकर  सुबह से नजर मत चुराना,  ठंड से डरकर  नदी से पाँव मत हटाना,  कभी लू लगने पर  हवा स...