Sunday, 14 April 2019

ना करूँ ?

मै करती हूँ प्यार, ना करूँ ?
जैसे करती हूँ इज़हार, ना करूँ ?

तुम्हारे secrets जानूँ,
पर थोड़ा-सा मज़ाक,  ना करूँ ?

तुम्हें चाहने का अन्दाज़ है मेरा,
जैसे करती हूँ बात,  ना करूँ ?

जलन है मुझे, पिघले मोम के मानिंद,
उसपे थोड़ा सा बवाल,  ना करूँ ?

मुझे करना है ऐतबार, ज़िंदगी भर के लिए,
उसकी थोड़ी-सी पड़ताल,  ना करूँ ?

तुम करते हो phone, वक़्त-बेवक़्त,
होकर थोड़ी-सी परेशान,कुछ सवाल,  ना करूँ ?

तुम्हारी फ़रमाइशे, मेरे चेहरे का नूर,
हम दोनो को बेक़रार,  ना करूँ ?

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