Friday, 17 May 2019

प्रीती

e-mail तुम्हारे नाम का
Gmail पर search किया
तुम्हारे आवाज़ का voicemail
archieve मे ढूँढ लिया

बहुत कुछ नहीं था, ख़ामोशी थी
background noise मे,
तुम कुछ unclear बोली थी,

यूँ तो तुम्हारी बातें
कभी घण्टों तक सुनी
पर ध्यान कभी नहीं रही

पर आज तुम्हारी
आवाज़ ही सुनकर,
मैं ख़ुद का ध्यान रख पाता हूँ।

और तुम कहती थी
"आवाज़ नहीं पहुँच रही,
शायद, network problem है !"








No comments:

Post a Comment

जिम्मेवारी

लेकर बैठे हैं  खुद से जिम्मेवारी,  ये मानवता, ये हुजूम, ये देश, ये दफ्तर  ये खानदान, ये शहर, ये सफाई,  कुछ कमाई  एडमिशन और पढ़ाई,  आज की क्ल...