Sunday, 26 May 2019

द़ाग

तुम्हारे-मेरे मिलने पर
कुछ दाग लग गए हैं,

तुम्हारे कपड़े पर
आइसक्रीम के दाग
जो छीन कर खाए थे मुझसे।

अखबार पर खाने के दाग
जो खाना गिरने से बचाने
तुमने नीचे बिछाए थे।

दीवारों पर बिंदियों के दाग
जो तुमने सजते हुए
माथे से हटाये थे।

आस्तिन पर आंसुओं के दाग
जो तुमने जाते समय
पोछते हुए छुपाए थे।

हथेली पर स्याही के दाग
जो तुमने गुदगुदी करते समय
जबरन ख़चाये थे।

मेरे ख्वाबों में ख्वाहिशों के दाग
जो मैंने तुम को बाहों में भर के
बेखुदी कर लगाए थे।

कुछ दाग रहने दो
मेरे घर के कोनों मे
जो याद दिलायें वो लम्हे
जो मैंने तुम्हारे संग बिताए थे।

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