Friday, 17 May 2019

झूठ

(ग़ुस्से में)
बातें झूठ !
वादे-इरादे
प्यार-प्रेमाचार
चिढ़ना-चिढ़ाना
ब्रह्म, गीता, कविता
रोज़ाना के calls
बहस, बवाल

 सारे झूठ !

व्यथा झूठ,
तड़पना, छटपटाना,
हँसाना, पटाना
बातों मे लड़खड़ाना
सहेली से बतियाना
डर जाना, घबराना
empathy, sympathy
चेहरा दिखाना
आवाज़ सुनना
रात भर जगना
साथ मे सोना
गांधी, माता

सारा झूठ !

(ठंड )
दीदी से आज
लड़ायी हुई है,
तुमपर झुँझलाना
ग़ुस्सा दिखाना
तुमको परखना
झूठ बताना

मेरा सच !

(मुस्कुराकर)

अच्छा चलो
मैंने माना,
तुम्हारा रोना
मेरा हँसना

हमारा सच !

No comments:

Post a Comment

जिम्मेवारी

लेकर बैठे हैं  खुद से जिम्मेवारी,  ये मानवता, ये हुजूम, ये देश, ये दफ्तर  ये खानदान, ये शहर, ये सफाई,  कुछ कमाई  एडमिशन और पढ़ाई,  आज की क्ल...