Tuesday 21 May 2019

Modi-Ravish

दो सपूत भारत माता के
दोनो चतुर प्रवीण
एक पंतप्रधान विशेष
एक पत्रकार प्राचीन

एक चूस कर खाए आम
एक गुठली से उगाए झाड़
एक non-political बात बनाए
एक फिर उसको ढोंग बताए

एक शांत गंभीर हंसमुख
एक चिल्लाए भरसक उन्मुख
 एक डरे बातें करने से
एक चले सबके कहने से

एक सोचें वह गाली देगा
एक बोले वह कह कर लेगा
एक करे राडार उपहास
एक दुहराए विकास की बात

एक खुशियों में दर्द भुलाए
एक दर्द को माथे लगाए
एक को गंगा घाट है गंदा
एक को पूरा बनारस अच्छा

एक सोचे क्यों 'मन की बात'
एक सोचे क्यों शोर अकाज
एक को द्वेष भरा चेहरे पर
एक नाम भी ना ले कहने पर

एक बच्चों को गले लगाए
एक बच्चों का दर्द बताए
एक मुस्लिम का डर समझाए
एक हिंदुत्व का परचम लहराए

एक विकास की बात करे
एक चुप्पी पर प्रश्न करे
एक गिनाए  शौच-मकान
एक पूछे क्यों नोटबंदी-अखलाख

एक सुन गाली बउराए
गाली को उस पर मढ़ गुर्राए
एक गाली सुनकर भी मुस्काए
आगे आगे बढ़ता जाए

दोनों चाहे भारत माता
दोनों 'मैं' से लड़ ना पाए
दिल चाहे दोनों मिल जाए
मिलजुलकर सरकार चलाएं

दोनों मिले, बात हो जाए
हंस मिल दोनों हृदय जुड़ाएं

कबहु मिलाए राम गुसाईं
दोनों राम-भरत सम भाई
कृपा करें देही आशीष
घुल-मिल जाए मोदी-रवीश

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