Sunday 18 December 2022

हाथ

कोई हाथ लेकर आया
कोई साथ लेकर आया
किसी की गाड़ी चल पड़ी
कोई पैदल चल पड़ा,

किसी दही लगा दी
किसी ने हल्दी चूम ली,
किसी पानी चलाया
कोई पूडियां बांट आया,

कोई रुका रहा रात भर
कोई एक कंबल मे सोया
कोई सैदपुर से चला
कोई घर छोड़कर आया,

कोई फोन से मिला
कोई बात को बनाया
कोई हाथ जोड़ता 
कोई सामान जुटाया,

कोई वर पक्ष था
कोई वधु पक्ष था
कोई राम पक्ष था
कोई सीता पक्ष था,

कोई नाचता था रात
कोई डीजे से भिड़ा
कोई दारु पी लिया
कोई हंस के खुश रहा

किसी का केसर–दूध छूटा
कोई चाट भूल गया
कोई लॉन पर रहा
कोई घर बंद किया,

कोई नेग ले गया
कोई द्वार छेकता,
कौन जूता खोज पाया
कौन सरहज से गाली खाया,

किसी का सिल गया
कोई रेडीमेड मे सजा
कोई पगड़ी बांधकर
भाभी से आ मिला

शादी मे सब जुटे
सबका हाथ रंग गया!

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