कुछ अपना अंतर दिखाऊँ,
कुछ देखूँ दुनियाभर के रंग
कुछ मिलकर नाँचु-गाऊँ
कुछ और के दिल मे झाँकू
कुछ उनके दर्द भुलाऊँ,
कुछ करने दूँ उनके मन का
कुछ अपनी चाल खेलाऊँ,
कुछ तड़पन रहने दूँ मन में
कुछ मरहम ढूँढ के लाऊँ,
जादू कर दूँ भेद छुपाकर
मुट्ठी खोल हँसाऊँ,
मंत्र फूँक दूँ राम नाम का
आँखो को उलझाऊँ!