Thursday, 17 October 2024

चाँद

यूँ चाँद बनकर वो 
ज़मीं पर चले आए,
जैसे हमको लूटने वो
हमीं से चले आए,

काले बाल, काली घटा-सी
काला दुकूल, बादल की लता-सी
आँखों की हया, चटख चंचला-सी
काला लिबास, शर्पकन्या-सी
वो सितारों जैसे कुछ 
जगमगा - सा गए!

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