नाही ता हो जाई बवाल,
एके हटा दे सीमवा
हाथ उठ न जाए हमार,
सीम्वा एके चुप करा दे
कही माथा न फिर जाए,
सीम्वा एके उधर बिठा दे
गोली बंदूक न चल जावे,
सीमा तोरे कहले पर
एके बर्दाश्त करत रहली,
सीमवा़ तोरे खातिर बढ़ के
एकर मदद करत रहली,
पईसा–कौड़ी हमरे खातिर
हमरे पैर का जूती हौ,
जमीन–जट्ठा लूटा देब हम
हमके कौन सा कमी हौ,
पर सीमवा बस लिहाज मे
मुंह बंद हम कयिले रहली,
बाप–बहिन और भाय–मतारी
सबके आगे कयिले रहली,
अब सीमवा बस बहुत हो गयल
अब बर्दाश्त के बहरे हौ,
हाथ गोड़ हम बहुत जोड़ली
अब पानी सर के ऊपर हौ!
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